ASHTAVAKRA GITA

ASHTAVAKRA GITA


क्व धर्मः क्व च वा कामः क्व चार्थः क्व विवेकिता।

इदं कृतमिदं नेति द्वन्द्वैर्मुक्तस्य योगिनः।।18.12।।