ASHTAVAKRA GITA

ASHTAVAKRA GITA


आत्माज्ञानाज्जगद्भाति आत्मज्ञानान्न भासते।

रज्ज्वज्ञानादहिर्भाति तज्ज्ञानाद्भासते न हि।।2.7।।