ASHTAVAKRA GITA

ASHTAVAKRA GITA


क्व लोकः क्व मुमुक्षुर्वा क्व योगी ज्ञानवान् क्व वा।

क्व बद्धः क्व च वा मुक्तः स्वस्वरूपेऽहमद्वये।।20.6।।