AVADHUTA GITA

AVADHUTA GITA


इह तत्त्वनिरन्तरतत्त्वमिति

न हि सन्धिविसन्धिविहीन इति।

यदि सर्वविवर्जितसर्वसमं

किमु रोदिषि मानसि सर्वसमम्।।14।।