AVADHUTA GITA

AVADHUTA GITA


इह कालविकालनिराकरणं

अणुमात्रकृशानुनिराकरणम्।

न हि केवलसत्यनिराकरणं

किमु रोदिषि मानसि सर्वसमम्।।24।।