AVADHUTA GITA

AVADHUTA GITA


इह देहविदेहविहीन इति

ननु स्वप्नसुषुप्तिविहीनपरम्।

अभिधानविधानविहीनपरं

किमु रोदिषि मानसि सर्वसमम्।।25।।