AVADHUTA GITA

AVADHUTA GITA


कथमिह परमार्थं तत्त्वमानन्दरूपं

कथमिह परमार्थं नैवमानन्दरूपम्।

कथमिह परमार्थं ज्ञानविज्ञानरूपं

यदि परमहमेकं वर्तते व्योमरूपम्।।43।।

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