AVADHUTA GITA

AVADHUTA GITA


विन्दति विन्दति न हि न हि यत्र

छन्दोलक्षणं न हि न हि तत्र।

समरसमग्नो भावितपूतः

प्रलपति तत्त्वं परमवधूतः।।27।।


[edit_node]