AVADHUTA GITA

AVADHUTA GITA


भग्नाभग्नविवर्जितभग्नो

लग्नालग्नविवर्जितलग्नः।

एवं कथमिह सारविसारः

समरसतत्त्वं गगनाकारः।।11।।

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