KAPILA GITA

KAPILA GITA


श्री भगवानुवाच

अनिमित्तनिमित्तेन स्वधर्मेणामलात्मना।

तीव्रेण मयि भक्त्या च श्रुतसम्भृतया चिरम्।।2.18।।