KAPILA GITA

KAPILA GITA


ब्रह्मण्यवस्थितमतिर्भगवत्यात्मसंश्रये।

निवृत्तजीवापत्तित्वात् क्षीणक्लेशाऽऽप्तनिर्वृतिः।।3.13।।