KAPILA GITA

KAPILA GITA


य इदमनुशृणोति योऽभिधत्ते

कपिलमुनेर्मतमात्मयोगगुह्यम्।

भगवति कृतधीः सुपर्णकेतौ

उपलभते भगवत्तत्पदारविन्दम्।।3.18।।