KAPILA GITA

KAPILA GITA


न कर्हिचिन्मत्पराः शान्तिरूपे

नङ्क्षयन्ति नो मेऽनिमिषो लेढि हेतिः।

येषामहं प्रिय आत्मा सुतश्च

सखा गुरुः सुहृदो दैवमिष्टम्।।1.22।।

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