श्री भगवानुवाच
इदं शरीरं कौन्तेय क्षेत्रमित्यभिधीयते।
एतद्यो वेत्ति तं प्राहुः क्षेत्रज्ञ इति तद्विदः।।13.2।।
श्रीमद् भगवद्गीता
मूल श्लोकः
Hindi Translation By Swami Ramsukhdas
।।13.2।।श्रीभगवान् बोले -- हे कुन्तीपुत्र अर्जुन ! 'यह' -- रूपसे कहे जानेवाले शरीरको 'क्षेत्र' कहते हैं और इस क्षेत्रको जो जानता है, उसको ज्ञानीलोग 'क्षेत्रज्ञ' नामसे कहते हैं।