पुण्यो गन्धः पृथिव्यां च तेजश्चास्मि विभावसौ।
जीवनं सर्वभूतेषु तपश्चास्मि तपस्विषु।।7.9।।
श्रीमद् भगवद्गीता
मूल श्लोकः
Hindi Translation By Swami Tejomayananda
।।7.9।। पृथ्वी में पवित्र गन्ध हूँ और अग्नि में तेज हूँ; सम्पूर्ण भूतों में जीवन हूँ और तपस्वियों में मैं तप हूँ।।
Hindi Translation By Swami Ramsukhdas
।।7.9।। पृथ्वीमें पवित्र गन्ध मैं हूँ, और अग्निमें तेज मैं हूँ, तथा सम्पूर्ण प्राणियोंमें जीवनीशक्ति मैं हूँ और तपस्वियोंमें तपस्या मैं हूँ।