ASHTAVAKRA GITA

ASHTAVAKRA GITA


वाग्मिप्राज्ञमहोद्योगं जनं मूकजडालसम्।

करोति तत्त्वबोधोऽयमतस्त्यक्तो बुभुक्षुभिः।।15.3।।