अव्यक्ताद्व्यक्तयः सर्वाः प्रभवन्त्यहरागमे।
रात्र्यागमे प्रलीयन्ते तत्रैवाव्यक्तसंज्ञके।।8.18।।
श्रीमद् भगवद्गीता
मूल श्लोकः
Hindi Translation Of Sri Shankaracharya's Sanskrit Commentary By Sri Harikrishnadas Goenka
।।8.18।।प्रजापतिके दिनमें और रात्रिमें जो कुछ होता है उसका वर्णन किया जाता है --, दिनके आरम्भकालका नाम अहरागम है ब्रह्माके दिनके आरम्भकालमें अर्थात् ब्रह्माके प्रबोधकालमें अव्यक्तसे -- प्रजापतिकी निद्रावस्थासे समस्त व्यक्तियाँ -- स्थावरजङ्गमरूप समस्त प्रजाएँ उत्पन्न होती हैं -- प्रकट होती हैं। जो व्यक्तप्रकट होती है उसका नाम व्यक्ति है। तथा रात्रिके आनेपर -- ब्रह्माके शयन करनेके समस्त उस पूर्वोक्त अव्यक्त नामक प्रजापतिकी निद्रावस्थामें ही समस्त प्राणी लीन हो जाते हैं।
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