उच्चैःश्रवसमश्वानां विद्धि माममृतोद्भवम्।
ऐरावतं गजेन्द्राणां नराणां च नराधिपम्।।10.27।।
श्रीमद् भगवद्गीता
मूल श्लोकः
Hindi Translation Of Sri Shankaracharya's Sanskrit Commentary By Sri Harikrishnadas Goenka
।।10.27।।घोड़ोंमें? जो अमृतप्राप्तिके निमित्त किये हुए समुद्रमन्थनसे उत्पन्न उच्चैःश्रवा नामक घोड़ा है? उसको तू मेरा स्वरूप समझ। गजेन्द्रोंमें -- मुख्य हाथियोंमें -- इरावतीका पुत्र जो ऐरावत नामक हाथी है? उसको तू मेरा स्वरूप जान और मनुष्योंमें मुझे तू राजा समझ।